Wednesday , October 11 2023

सर्जन की सलाह : पाइल्स व फि‍स्‍चुला की सर्जरी उसी अस्‍पताल में करायें जहां…

केजीएमयू के सर्जरी विभाग के स्‍थापना दिवस पर शैक्षणिक कार्यक्रम का तीसरा दिन
प्रो.अरशद अहमद 

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। पाइल्स व फि‍स्‍चुला के इलाज में अत्याधुनिक तकनीकों में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, लेजर, डाप्लर गाइडेड व स्टेप्लर आदि कई अन्य तकनीकें हैं। प्रत्येक तकनीक बेहतर है और अच्छे परिणाम मिलते हैं, मगर जरूरी नहीं है कि एक तकनीक हर मरीज में बेहतर परिणाम दे। मरीज की बीमारी के अनुसार निर्णय करना होता है कि किस मरीज में कौन सी सर्जरी उपयोगी होगी। इसलिये मेरा मानना है कि पाइल्स व फि‍स्‍चुला के मरीजों को इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक के साथ ही, उस संस्थान में इलाज कराना चाहिये, जहां सर्जरी के विकल्प मौजूद हों।

यह जानकारी बुधवार को केजीएमयू के सर्जरी विभाग में स्थापना दिवस शैक्षणिक सप्ताह कार्यक्रम में प्रो.अरशद अहमद ने दी। सर्जरी विभाग के सभागार में आयोजित शैक्षणिक कार्यक्रम की श्रृंखला में सर्जरी विभाग के प्रो.अरशद ने पाइल्स व फि‍स्‍चुला की बीमारी और उसके उपचार की तकनीक पर चर्चा करते हुये कहा कि पाइल्स के 80 प्रतिशत मरीजों में सर्जरी की जरूरत नही होती है, इन्हें दवा या लाइफ स्टाइल बदलने से आराम मिल जाता है। शेष 20 प्रतिशत में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है मगर जरूरी नही है कि हर मरीज का ओपन सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कर दी जाये। मरीज में बीमारी की गंभीरता और उसकी जड़ों के विस्तार को देखते हुये चिकित्सक द्वारा निर्णय किया जाता है कि मरीज को स्टेपलर तकनीक, लेजर तकनीक या अन्य तकनीक की कौन सी सर्जरी बेहतर होगी। मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों से ही इलाज कराना चाहिये जिनके पास सर्जरी तकनीक के समस्त विकल्प मौजूद हो।