धनवंतरि जयंती पर आयुर्वेद चिकित्सा का महत्व बताते हुए मंत्री धर्म सिंह सैनी ने दी अपनाने की सलाह
कुलपति ने कहा कि मौसमी बीमारियों के लिए ऐलोपैथी से बेहतर है आयुर्वेद पद्धति
लखनऊ। धनवंतरि जयंती एवं आयुर्वेद दिवस के अवसर पर सोमवार को केजीएमयू के ब्राउन हाल में धनवंतरि भगवान का पूजन हुआ, पूजा उपरांत आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने केजीएमयू परिसर में आयुष चिकित्सा सेवा विस्तार के लिए ओपीडी एवं पंचकर्म यूनिट शुरू करने की घोषणा की। कार्यक्रम आरोग्य भारती अवध प्रांत एवं नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। कुलपति प्रो.एमएलबी भट्ट, पल्मोनरी विभागाध्यक्ष प्रो सूर्यकांत और ट्रॉमा सर्जरी एचओडी प्रो.संदीप तिवारी समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
धनवंतरि जयंती पर समारोह आयोजित किये जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए आयुष मंत्री श्री सैनी ने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा की खासियत है कि आयुष दवाई का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है, अगर वर्तमान में आयुर्वेद को अपनाया जाये तो मानव शरीर को बीमार होने से रोका जा सकता है। इसमे खान-पान से लेकर सोने-जागने तक का संयम रखना सिखाया जाता है।
कुलपति प्रो.एमएलबी भट्ट ने कहा कि सामान्य और मौसमी बीमारियों में ऐलोपैथ का इलाज हानिकारक होता है, ऐसे मामलों में आयुर्वेद से ही इलाज कराना चाहिये। आयुर्वेद छात्र हर्ष त्रिपाठी ने धनवंतरि भगवान के बारे में संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. संदीप तिवारी ने किया, जबकि गवर्नर हाऊस के राजवैद्य एसएस त्रिपाठी, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.बीएन सिंह, एनएमओ के अवध प्रांत के अध्यक्ष डॉ.एके त्रिपाठी, प्रांतीय सचिव डॉ.अभय नारायण तिवारी, डॉ.अमिता चतुर्वेदी, होम्योपैथिक से डॉ.हेमलता और आयुर्वेद कालेज की 350 छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।
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