Wednesday , October 11 2023

अपने अंग व ऊतक दान कर एक व्‍यक्ति बचा सकता है 50 लोगों की जान

-मांग और आपूर्ति की खाई को पाटने के लिए बढ़ायें अंगदान : डॉ हर्षवर्धन

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के कैबिनेट मंत्री, डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत में अंगों की मांग और उसकी उपलब्धता के बीच में एक बहुत बड़ा अंतर है, इसलिए अंगदान को पूरी भावना के साथ बढ़ाना चाहिए जिससे मांग और आपूर्ति के बीच की खाई को भरा जा सके।

डॉ हर्षवर्धन ने यह बात नॉटो (NOTTO), सॉटो यूपी (SOTTO UP) और अस्पताल प्रशासन, संजय गांधी पीजीआई, लखनऊ के द्वारा ईको इंडिया के सहयोग से आज 11वें भारतीय अंगदान दिवस पर अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के रूप में कही। प्रातः 11:00 बजे से 12:15 बजे तक डोनर सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य उत्तर प्रदेश राज्य में अनुदान को प्रोत्साहित करना और इस विषय पर जन सामान्य को जागरूक करना था।

कार्यक्रम के आयोजक अस्पताल प्रशासन के विभागाध्यक्ष और सॉटो यूपी के नोडल ऑफिसर डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि सम्मान समारोह का उद्घाटन सत्र नॉटो, नई दिल्ली के द्वारा वर्चुअली संचालित किया गया। इस मौके पर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने संबोधित करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि अंगदान एक अत्यंत शुभ कार्य है और इसके संबंध में अधिक से अधिक जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच बढ़ानी चाहिए, जिससे लोग इसके लाभ के बारे में जागरूक हों।

समारोह में कहा गया कि ऑर्गन/टिश्‍यू डोनेशन के अंतर्गत एक स्वस्थ व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रत्यारोपित करने के लिए अंग व ऊतक लिए जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है एक डोनर से मिलने वाले अंग और ऊतक लगभग 50 लोगों की जान बचा सकते हैं। दान किये जाने वाले अंग गुर्दे, ह्रदय, लिवर, पैंक्रियाज, आंतें और फेफड़े हैं जबकि ऊतकों में त्वचा, अस्थि, अस्थि मज्जा, कार्निया, कारटिलेज, मांसपेशियां, टेनडेम्‍स, लिगामेंट्स, हार्ट वाल्‍व्‍स और वेन्‍स शामिल हैं। यह भी कहा गया कि किसी भी धर्म, आयु व पृष्ठभूमि के लोग अंग दान कर सकते हैं। 18 वर्ष से कम उम्र के डोनर के लिए अभिभावकों को अपनी सहमति देना आवश्यक है। 18 वर्ष से अधिक आयु के लोग अंगदान के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

इस कार्यक्रम में अलग अलग रॉटो (ROTTO)/सॉटो पर अंग दानकर्ताओं और अंग प्राप्‍तकर्ताओं को सम्मानित किया गया और उनके अनुभवों को भी सुना गया। सॉटो एसजीपीजीआई में भी संस्थान के निदेशक प्रो राधा कृष्ण धीमन द्वारा छह किडनी दानकर्ताओं और एक लिवर प्राप्‍तकर्ता को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संस्थान के सर्जिकल गैस्‍ट्रोएंटरोलॉजी के विभागाध्यक्ष और सेंटर ऑफ हेपेटोबिलियरी डिजीजेज एंड ट्रांसप्‍लांटेशन, एसजीपीजीआई के प्रो राजन सक्सेना, प्रो अनीश श्रीवास्तव, प्रो नारायण प्रसाद, प्रो एस के अग्रवाल और प्रो शांतनु पांडे भी उपस्थित थे।

सॉटो यूपी और अस्पताल प्रशासन, संजय गांधी पीजीआई के द्वारा आयोजित पब्लिक फोरम के उदघाटन सत्र को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी अंगदान के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि एक व्यक्ति द्वारा किए गए सहृदयता के कार्यों में अंगदान सर्वोत्कृष्ट कार्य है। उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्यों के मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने भाषण में कहा कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर प्रत्येक व्यक्ति को अंगदान करने की प्रति शपथ लेनी चाहिए। यही मानवता के प्रति उनकी सच्ची सेवा होगी। उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे ने कहा कि डिजीज्‍ड डोनेशन ही इस समय की मांग है। उत्तर प्रदेश सॉटो और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ इस दिशा में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकता है और उत्तर प्रदेश सरकार इस दिशा मे हर प्रकार की मदद के लिए तैयार हैं।

इसके पश्चात वैज्ञानिक सत्र प्रारंभ हुआ, जिसमें विशेषज्ञ वक्ताओं ने  “ब्रेन डेथ, कौन अंग दान कर सकता है, आप एक ऑर्गन डोनर कैसे बन सकते हैं, ऑर्गन डोनेशन और लेजिसलेशन इत्यादि विषयों पर अपने विचार रखे। तत्पश्चात समूह चर्चा के साथ सत्र का समापन हुआ।