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वैज्ञानिक तरीके से जानिये कैसे आयु बढ़ती है ओम का उच्‍चारण करने से

सुंदर और स्‍वस्‍थ शरीर रखने के अनमोल सूत्र बताये स्‍वामी अध्‍यात्‍मानंद ने

लखनऊ। 74 साल की उम्र में भी कुंदन की तरह दमकते चेहरे, सौष्‍ठव शरीर रखने वाले ॠषिकेश स्थित शिवानंद आश्रम के स्‍वामी अध्‍यात्‍मानंद ने कहा है कि सुबह-दोपहर और शाम यानी तीन समय अगर चार-चार बार ओम का उच्‍चारण किया जाये तो व्‍यक्ति की आयु बढ़ती है। उन्‍होंने अपने कांतिमय चेहरे और शरीर के स्‍वस्‍थ रहने के लिए उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के बारे में भी बताया।

स्‍वामी अध्‍यात्‍मानंद ने यह अनमोल सलाह आज आईएमए-एएमएस लखनऊ और कृष्‍णा होलिस्टिक जीवन शैली सेंटर के संयुक्‍त तत्‍वावधान में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में दी। स्‍वामी जी ने इसे वैज्ञानिक तरीके से भी समझाते हुए कहा कि एक सामान्‍य मनुष्‍य एक मिनट में 15 बार सांस लेता है, चूंकि ओम का उच्‍चारण एक मिनट में चार बार करना है तो ऐसी स्थिति में व्‍यक्ति एक मिनट में चार सांसें ही लेगा यानी कि 11 सांसें बच गयीं, इस प्रकार दिन में तीन बार सुबह फ्रेश होने के बाद, दोपहर में भोजन से पहले और रात्रि में सोने पहले ओम के उच्‍चारण से 11 गुणा तीन यानी 33 सांसें जीवन की बच गयीं जिससे आपकी आयु में वृद्धि‍ हो जायेगी।

ओम और योग का सम्‍बन्‍ध किसी धर्म विशेष से नहीं

स्‍वामी जी ने कहा कि ओम और योग का सम्‍बन्‍ध किसी धर्मविशेष से नहीं है, किसी रब से नहीं है। उन्‍होंने मंच बैठे आईएमए यूपी के अध्‍यक्ष डॉ एएम खान से कहा कि मुस्लिम धर्म में जो आप लोग पांच बार की नमाज पढ़ते हैं वह भी योग ही तो है। स्‍वामी जी ने कहा कि मुस्लिम धर्म में एक माह के रोजे रखने के शारीरिक लाभ है, सहरी और अफ्तार के बीच में लम्‍बा अंतराल होने के कारण रोजे रखने से शरीर से सभी प्रकार के विषैले तत्‍व निकल जाते हैं।

पांच बार की नमाज योग ही है : डॉ एएम खान

डॉ एएम खान ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम लोग जो पांच बार नमाज पढ़ते हैं उसमें कम से कम 100 बार उठक-बैठक करते हैं, इससे शरीर का व्‍यायाम हो जाता है, यह भी योग ही है और इसका वैज्ञानिक महत्‍व है। डॉ एएम खान ने कहा कि उन्‍होंने कहा कि हम लोग शाम का भोजन करीब साढ़े आठ बजे कर लेते हैं इसके बाद पांचवीं बार की नमाज रात्रि के खाने के बाद पढ़ी जाती है इसका म‍कसद रात्रि का खाना हजम करने से है। जैसा कि कहा भी जाता है कि खाने के बाद टहलना चाहिये। स्‍वामी जी ने भी इससे सहमति जताते हुए कहा कि हम लोग रात्रि का खाना खाने के बाद योग नहीं कर सकते हैं लेकिन नमाज की जा सकती है।

ब्‍यूटीशियन और जिम के ट्रेनर की संज्ञा दी स्‍वामी जी को डॉ सूर्यकांत ने

कार्यक्रम शुरू होने पर आईएमए-आईएमएस यूपी के चे‍यरमैन डॉ सूर्यकांत ने अपने उद्बोधन में कहा कि ताजी रिपोर्ट में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने कहा है कि स्‍वास्‍थ्‍य के नौ आयाम हैं इनमें नौवां अभी जोड़ा गया है वह है  आध्यात्मिक स्वास्थ्य। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन स्वस्‍थ रहने की भारतीय कल्‍पना के नजदीक पहुंच गया है। भारतीय उन्‍होंने कहा कि महिलाओं के लिए तो पहले से ही ब्‍यूटी पार्लर चल रहे हैं लेकिन हाल के वर्षों में पुरुषों में भी इसका रुझान बहुत बढ़ गया है और वे भी अपने चेहरे को सुंदर दिखाने के लिए ब्‍यूटी पार्लर जाते हैं, और शरीर सुंदर दिखे इसके लिए जिम जाते हैं। मन कैसे स्‍वस्‍थ हो कैसे मजबूत बने इसके लिए न तो कोई ब्‍यूटी पार्लर है न कोई जिम है। उन्‍होंने कहा कि यह आईएमए का सौभाग्‍य है कि सुंदर चेहरे और शरीर और मन की मजबूती और स्थिरता के लिए किये जाने वाले उपाय बताने के लिए मन का ब्‍यूटी पार्लर और मन का जिम स्‍वामी जी के रूप में स्‍वयं चलकर यहां आया है।

योग, प्राणायाम और ध्‍यान

स्‍वामी अध्‍यात्‍मानंद ने कहा कि जैसा कि डॉ सूर्यकांत ने कहा कि आजकल लोग ब्‍यूटी पार्लर और जिम जाकर अपने को सुंदर और स्‍वस्‍थ बनाते हैं। उन्‍होंने कहा कि मुझे एक बार मुम्‍बई का एक शख्‍स मिला जो ब्‍यूटी पार्लर जाता था, मैंने उससे कहा कि आपने ब्‍यूटी पार्लर जा-जाकर अपना चेहरा ऐसा कर लिया है कि बिना मेकअप आप नहीं निकल सकते हो। उस व्‍यक्ति ने पूछा कि आपका चे‍हरा तो बहुत दमकता हुआ है आप क्‍या लगाते हैं तो स्‍वामी जी ने उससे कहा कि मैं कुछ नहीं लगाता हूं यहां तक कि मैं अपने चेहरे पर साबुन भी नहीं लगाता हूं अपने चेहरे और स्‍वस्‍थ शरीर रहने का राज बताते हुए उन्‍होंने कहा कि योग, प्राणायाम और ध्‍यान इन तीनों को मैं जरूर करता हूं। उन्‍होंने इसके अलावा भोजन का ध्‍यान रखें जैसे हरी सब्जियों का सेवन और सुपाच्‍य चीजों का सेवन ही करें, कब्जियत न रहने दें। उन्‍होंने कहा कि ब्‍यूटी पार्लर जायें या न जायें लेकिन अगर बतायी गये उपाय करेंगे तो तन और मन दोनों सुंदर रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि स्‍वस्‍थ रहने के लिए तीन सूत्रों को याद रखना चाहिये। ये तीन सूत्र हैं अच्‍छी भूख, कब्‍ज न पैदा करने वाला सुपाच्‍य भोजन और अच्‍छी नींद। उन्‍होंने कहा कि भूख लगने पर और जरूरत भर ही भोजन करना चाहिये।

इस मौ‍के पर आईएमए यूपी की महिला विंग की प्रमुख डॉ रुखसाना खान, आईएमए-आईएमएस लखनऊ के अध्‍यक्ष डॉ आरके सिंह, आईएमए लखनऊ के पूर्व अध्‍यक्ष डॉ पीके गुप्‍ता, आईएमए लखनऊ के सचिव डॉ जेडी रावत, संयुक्‍त मंत्री डॉ सरिता सिंह, डॉ श्रद्धा सिंह, डॉ एचएस पाहवा, सिविल अस्‍पताल के वरिष्‍ठ परामर्शदाता डॉ अनिल कुमार श्रीवास्‍तव सहित अनेक चिकित्‍सक व अन्‍य लोग उपस्थित थे।