Wednesday , October 11 2023

उखड़ती सांसें, जांघ में फ्रैक्‍चर, उम्र 100 वर्ष, केजीएमयू में हुआ सफल इलाज

-बिस्‍तर से गिरने से हो गया था नेक ऑफ फीमर फ्रैक्‍चर, अस्‍पताल से छुट्टी भी मिल गयी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। सौ वर्षीय वृद्ध की जांघ की हड्डी टूटने (नेक ऑफ फीमर फ्रेक्‍चर) के बाद श्‍वसन संबंधी समस्‍या से भी ग्रस्‍त होने के बाद भी केजीएमयू में न सिर्फ उसके श्‍वसन तंत्र को ऑपरेशन लायक बनाया गया बल्कि ऑपरेशन भी सफलतापूर्वक कर मरीज को खड़ा कर दिया गया,  मरीज को दो दिन पूर्व अस्‍पताल से छुट्टी भी दे दी गयी।

यह जानकारी पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में आज आयोजित एक पत्रकार वार्ता में विभाग के विभागाध्‍यक्ष डॉ वेद प्रकाश तथा ऑपरेशन करने वाले ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ संतोष कुमार ने दी। जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रयागराज का मूलनिवासी 100 वर्षीय रामधारी को बीती 16 फरवरी को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर स्थित ऑर्थोपेडिक विभाग में डॉ संतोष कुमार की देखरेख में भर्ती कराया गया था। बताया गया कि चार दिन पूर्व बिस्‍तर से गिरने के कारण मरीज की नेक ऑफ फीमर फ्रैक्‍चर हो गयी थी।

पत्रकार वार्ता में बताया गया कि भर्ती के ही दिन में सांस में तकलीफ बढ़ने लगी, सांस की तकलीफ भी उन्‍हें दो दिन पहले शुरू हो गयी थी। ऐसे में प्रश्‍न यह था कि फ्रैक्‍चर के लिए सर्जरी कैसे की जाये क्‍योंकि मरीज को सांस की दिक्‍कत हो रही थी। इसके बाद मरीज को शताब्‍दी अस्‍पताल स्थित पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। भर्ती के समय मरीज का ब्लड प्रेशर 114/66 पल्स रेट 74 और एसपीओ2 90 प्रतिशत ऑक्‍सीजन के सपोर्ट के साथ मरीज की स्थिति बहुत खराब थी। इसके बाद डा0 वेद प्रकाश और उनकी टीम के डा0 अमित कुमार, डा0 सचिन कुमार,  डा0 अभिषेक गोयल,  डा0 विकास गुप्ता,  डा0 सुलक्षणा,  डा0 सुमित प्रकाश,  डा0 कैफी,  डा0 फैजान,  डा0 गौरव,  डा0 ध्यानेन्द्र के द्वारा पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट में इन्ट्राविनस एण्टी बायटिक दवाइयां, उच्च रक्त चाप की दवाइयां, दर्द निवारक दवाइयां,  ऑक्सीजन एवं दाहिने पैर के त्वचा के ट्रैक्शन से उनका इलाज किया।

उन्‍होंने बताया कि रोगी की स्थिति में सुधार हुआ और उसे 20 फरवरी को ऑर्थोपेडिक ओटी में सुबह 8 बजे स्थानांतरित कर दिया गया जहां  ऑर्थोपेडिक सर्जन प्रो0 संतोष कुमार एवं एनेस्थीसिया विभाग की प्रो0 विनीता सिंह की टीम ने सफल ऑपरेशन करके दोपहर 1 बजे रेस्पेरेटरी आईसीयू वापस भेज दिया और बीमारी में क्रमशः सुधार के बाद उन्हें 22 फरवरी को छुट्टी दे दी गयी।