संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा शिकायती पत्र
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आउटसोर्सिंग से तैनात लगभग 7000 कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय की शिकायत अपर श्रमायुक्त उत्तर प्रदेश से की है। संघ के अध्यक्ष रितेश मल्ल के अनुसार कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी करने वाली 10 सेवाप्रदाता कम्पनियों को नोटिस जारी करने के निर्देश अपर श्रमायुक्त ने दिए हैं।
संघ के अध्यक्ष रितेश मल्ल और उप महामंत्री मनीष कुमार मिश्र द्वारा श्रम विभाग को लिखे गए पत्र में दस सेवा प्रदाता कम्पनियों की सूची सौंपते हुए इन कम्पनियों द्वारा केजीएमयू में तैनात कर्मचारियों के साथ की जा रही नाइंसाफी का सिलसिलेवार विवरण दिया है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि कर्मचारियों को ईपीएफ रसीद, यूएएन नंबर तथा ईएसआई कार्ड कुछ भी नहीं दिया गया है, जबकि इसके लिए प्रतिमाह वेतन से बराबर कटौती की जाती है।
पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कम्पनियों द्वारा निर्धारित वेतन से कम वेतन का भुगतान किया जा रहा है, यही नहीं नियम के अनुसार कर्मचारियों के लिए चार साप्ताहिक अवकाश माह में देना जरूरी हैं लेकिन कर्मचारियों की पूरे माह 30 दिन ड्यूटी लगाई जाती है।
कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि एक कम्पनी द्वारा बैंक में वेतन भुगतान करने के बाद, 1500 रुपये वापस नकद ले लिए जाते हैं। पत्र में की गई शिकायत में यह भी कहा गया है कि 2016 तक 100 करोड़ के ईपीएफ घोटाले की कमिश्नर द्वारा जांच की गई थी, उसके बाद भी अभी तक कम्पनियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कर्मचारियों का आरोप है कि इस विषय में कई बार केजीएमयू के कुलसचिव, कुलपति के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से शिकायत की गई लेकिन इस विषय में ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे कर्मचारियों को राहत मिल सके।