रात को सोने से पहले है दूध पीने का सही समय
लखनऊ 17 नवम्बर। बहुत से बच्चे खाना खाने में आनाकानी करते हैं, तो ऐसे में माता-पिता उसका पेट भरने के लिए उसे दूध दे देते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि दूध खाने का विकल्प नहीं है, खाली पेट दूध पीने से गैस बनती है और बच्चे को कब्ज होना शुरू हो जाता है। खाने के रूप में दूध पिलाना अच्छा नहीं है। कई बच्चों को मांएं दूध पिलाकर स्कूल भेज देती है लेकिन वह उसे नुकसान पहुंचाता है, अक्सर आपने सुना होगा कि बच्चे ने स्कूल में उलटी कर दी, यह सब खाली पेट दूध पीने से ही होती है। डॉ आशुतोष ने बताया कि दूध पीने का सही समय रात में खाना खाने के बाद है। क्योंकि दूध को पचने में सात से आठ घंटे लगते हैं चूंकि रात में सोना ही होता है इसलिए पचने का पर्याप्त समय मिल जाता है।
यह बात यहां चली रही तीन दिवसीय यूपीपेडिकॉन के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने कही। इस बारे में जानकारी देते हुए आयोजन के संयोजक डॉ आशुतोष ने बताया कि अक्सर ऐसा हो जाता है कि बच्चे खाना खाने में आनाकानी करते हैं, देखा जाये तो 6-7 साल के बच्चे को खाना खिलाने में मां को आधा घंटा लग जाता है, ऐसे में मांएं यह सोचती हैं कि बच्चा खाना नहीं खा रहा है तो उसे दूध पिला दें लेकिन यह गलत है।
गेहूं से भी होती है कुछ बच्चों को एलर्जी
एक और विषय पर चर्चा में यह सामने आया कि कई लोगों को किसी न किसी खाने की चीज से एलर्जी होती है, इनमें दूध, अंडे की सफेदी, मछली, ड्राई फ्रूट्स यहां तक कि गेहूं से भी एलर्जी होती है। दूसरी ओर माता-पिता सोचते हैं कि मेरा बच्चा सब कुछ अच्छे से खा-पी रहा है लेकिन उसकी हेल्थ नहीं बन रही है, ऐसे में आपको बता दें कि डॉक्टरों को चाहिये कि वे इम्यूनोथेरेपी जांच करायें, इस जांच से यह पता चल जाता है कि बच्चे को किस चीज से एलर्जी है।
उन्होंने बताया कि चूंकि टीटीजी-डीजीपी टेस्ट महंगा है इसलिए अलग चीजों से कराने के बजाये कई खाद्य पदार्थों के बजाये एकसाथ कई खाद्य पदार्थों को हाथ में पंक्चर करके लगा दिया जाता है। इनमें गेहूं, ड्राईफ्रूट आदि चीजों के टुकड़े शामिल हैं और उसके चारों ओर एक गोला बना दिया जाता है, इसके बाद एक निर्धारित समय बाद देखा जाता है कि इन गोलों के अंदर कहीं लाली तो नहीं आयी। जिन गोलों में लाली आ जाती है उनमें रखी वस्तु को के बारे में पता चल जाता है कि उससे उस व्यक्ति को एलर्जी हैं।
उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को गेहूं से एलर्जी है तो उसके स्थान पर उसे मक्का दिया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि छह माह तक मां का दूध पिलाने के बाद बच्चे को अनाज जरूर दिया जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि सबसे अच्छी चीज दलिया है, बच्चों को दलिया का सेवन करायें तथा दूध रात को सोने से पहले दें।
