Wednesday , October 11 2023

चिकित्‍सक करें कुछ ऐसा बेमिसाल, लोग याद करें उन्‍हें सालों साल

चिकित्‍सा व प्राविधिक विश्‍वविद्यालयों के बीच हो आत्‍मनिर्भरता का एमओयू

-लोहिया संस्‍थान के प्रथम स्‍थापना दिवस पर राज्‍यपाल ने किया आह्वान

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनन्दी बेन पटेल ने चिकित्‍सकों का आह्वान करते हुए कहा है कि चिकित्सकों को प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना होगा, जिससे उनके कार्यों द्वारा उन्हें सालों साल याद रखा जाये। उन्‍होंने महिलाओं एवं बच्चों के लिए आरोग्य मेला आयोजन की बात कही एवं उन्हें घर-घर जाकर मेले में लाने के लिए चिकिसकों एवं छात्रों को प्रोत्साहित किया।

राज्‍यपाल ने यह उद्गार आज यहां डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान के प्रथम स्‍थापना दिवस पर आयोजित समारोह में मुख्‍य अतिथि के रूप में व्‍यक्‍त किये। उन्‍होंने नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत छात्रों के पाठ्यक्रम में शुरुआत से ही स्वयं की साफ-सफाई एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का पाठ भी शामिल किये जाने की बात कही। प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत उन्होंने चिकित्सा विश्वविद्यालयों एवं प्राविधिक विश्वविद्यालयों के मध्य एमओयू का सुझाव दिया, जिससे प्राविधिक विश्वविद्यालय के छात्र आवश्यकतानुसार चिकित्सा में प्रयोग किये जाने वाले उपकरणों पर शोध एवं कार्य कर उनका आविष्कार कर सकें। इससे छात्रों का मनोबल बढ़ेगा साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनेगा।

महिलाओं व बेटियों को दें निरोगी रखने का प्रशिक्षण

उन्होंने यह सुझाव दिया कि महिलाओं एवं बेटियों को इस बात का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये कि वह रोजमर्रा की जिन्दगी में किस प्रकार स्वयं और परिवार को निरोगी रख सकती हैं, साथ ही चिकित्सकों को यह सुझाव दिया कि वह ग्राम प्रधानों को बुला कर इस बात पर चर्चा करें कि वह किस प्रकार अपने गांव को स्वस्थ रख सकते हैं। यदि उन्हें सही मार्गदर्शन मिलेगा तो बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य सम्बन्धी परिर्वतन प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने यह भी संकल्प दिलाया कि हमें हमारे जीवन में ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जिसकी हमें आगे चलकर सजा मिले। साथ ही यदि हम किसी प्रकार का सामाजिक परिवर्तन चाहते हैं तो उसके लिए शिक्षित वर्ग को आगे आना पड़ेगा।

आदमी बनना भाग्‍य की, चिकित्‍सक बनना सौभाग्‍य की बात

कैबिनेट मंत्री चिकित्सा शिक्षा, वित्त एव संसदीय कार्य, उ0प्र0 सुरेश कुमार खन्ना ने अपने उद्बोधन में लोहिया के जीवन पर प्रकाश डालते हुये उस भावना को नमन किया जिस भावना के साथ इस संस्थान का निर्माण हुआ था। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि आदमी बनना भाग्य की बात है, चिकित्सक बनना सौभाग्य की बात है इसलिए चिकित्सकों को अपने मरीज़ों के साथ संवेदनशील एवं मृदु व्यवहारी होना चाहिये।

चिकित्‍सक करते रहें शोध कार्य

राज्‍यमंत्री संदीप सिंह ने संस्थान को प्रथम स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुये कहा कि यह संगठनात्मक कार्यशैली का ही परिणाम है कि आज यह संस्थान राज्य में अपनी एक गरिमा और मुकाम हासिल किये हुये है एवं इसको बरकरार रखने के लिए संस्थान के प्रत्येक कर्मचारी को प्रयासरत रहना होगा। प्रदेश की कोविड से लड़ाई में इस संस्थान ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके कारण प्रदेश में कोविड मरीजों का मृत्यु दर अन्य प्रदेशों के मुकाबले कम है। अन्त में अपने उद्बोधन में राज्यमंत्री ने चिकित्सकों से शोध कार्यों को करते रहने के लिए निवेदन किया।

मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी द्वारा अपने सम्बोधन में संस्थान की प्रशंसा करते हुये अल्प समय में अपनी छवि बनाने के लिए बधाई दी, साथ ही कोविड महामारी के दौरान संस्थान के डॉक्टरों एवं कर्मचारियों को उनके निष्ठापूर्वक कार्य करने की प्रशंसा की।

उपलब्धियों के साथ ही जरूरतें भी गिनायीं निदेशक ने

इससे पूर्व कार्यक्रम का आरम्भ संस्थान के निदेशक प्रो0 ए0के0 सिंह के स्वागत सम्बोधन से हुआ। जिसमें जहां एक ओर उन्होंने संस्थान के विगत 10 वर्षों की उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया वहीं दूसरी ओर संस्थान में क्या कमियां और क्या आवश्यकताएं हैं, से उपस्थित अतिथियों को अवगत् कराया साथ ही भविष्य में संस्थान को अपनी सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए किन पहलुओं पर कार्य करना है पर प्रकाश डाला।

संकाय सदस्‍य, छात्रों व कर्मचारियों को किया गया सम्‍मानित

इस अवसर पर संस्थान में चल रहे यू0जी0 एवं पी0जी0 पाठ्यक्रम के कुल 18 छात्रों को राज्यपाल द्वारा मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त 3 कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट कार्य एवं 1 संकाय सदस्य (डा0 विनीता शुक्ला) को उनके कोविड-19 टीकाकरण के नेतृत्व के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम में  प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, उ0प्र0 आलोक कुमार भी विशिष्‍ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उनके अतिरिक्‍त संस्थान के डीन, संकाय सदस्य, अधिकारीगण, कर्मचारी, छात्र भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुजीत राय द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन प्रो0 राजन भटनागर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।