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कुपोषण से बचने के लिए स्तनपान के साथ-साथ पूरक आहार भी दें बच्चों को

-लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में शिशु और बाल आहार पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

सेहत टाइम्स

लखनऊ। शहीद पथ स्थित डॉ. आरएमएलआईएमएस के मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल के बाल रोग विभाग में “एमएए” (मदर एब्सोल्यूट अफेक्शन) पहल के तहत शिशु और बाल आहार (आईवाईसीएफ) पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से 31 चिकित्सा अधिकारियों और स्टाफ नर्सों ने जिला स्वास्थ्य कार्य योजना के अंतर्गत भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि स्तनपान के साथ-साथ सही पूरक आहार देना भी अत्यंत आवश्यक है, ताकि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में कुपोषण की समस्या को रोका जा सके।

यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत डॉ. सूर्यांशु ओझा, जीएम चाइल्ड हेल्थ, उत्तर प्रदेश के मार्गदर्शन और यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित किया गया। डॉ. शीतांशु श्रीवास्तव, जो कि नोडल अधिकारी और आईवाईसीएफ मास्टर ट्रेनर हैं, ने इस कार्यक्रम का नेतृत्व किया, साथ ही सामुदायिक चिकित्सा विभाग के डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने भी सत्रों का संचालन किया। इस प्रशिक्षण का समन्वय चिकित्सा अधिकारी डॉ. विपिन ने किया।

प्रशिक्षुओं ने उचित पूरक आहार के प्रति जानकारी और कौशल की आवश्यकता पर जोर दिया, यह बताते हुए कि स्तनपान के साथ-साथ सही पूरक आहार की जानकारी देना भी अत्यंत आवश्यक है, ताकि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में कुपोषण की समस्या को रोका जा सके। विशेषज्ञों ने कहा कि छह माह से दो साल की आयु के बच्चों को पूरक आहार की जानकारी देते हुए बताया कि स्तनपान के साथ ही छह माह के बच्चे को दिन में दो बार और 7 से 9 माह के बच्चे को तीन बार मसली हुई दाल, उबला हुआ आलू, केला, दाल का पानी जैसे तरल और अर्ध-तरल ठोस खाद्य पदार्थ दिये जाने चाहिये, इसी प्रकार 9 से 11 माह के बच्चे को स्तनपान के साथ ही तीन बार तरल और अर्ध-तरल ठोस खाद्य पदार्थ तो देना ही चाहिये साथ ही इसके बीच में एक स्नैक भी दिया जाना चाहिये और एक वर्ष से दो वर्ष के बच्चे को स्तनपान के साथ ही तीन बार तरल और अर्ध-तरल ठोस खाद्य पदार्थ के साथ ही बीच में दिये जाने वाले स्नैक दो बार दिये जाने चाहिये।

समापन समारोह में डॉ. दीप्ति, डॉ. मनीष, डॉ. श्रीकेश, और प्रो. नुज़हत हुसैन ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन डॉ. सूर्यांशु ओझा द्वारा उत्साहवर्धक संदेश के साथ किया गया। कइस प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से 31 चिकित्सा अधिकारियों और स्टाफ नर्सों ने जिला स्वास्थ्य कार्य योजना के अंतर्गत भाग लिया।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत डॉ. सूर्यांशु ओझा, जीएम चाइल्ड हेल्थ, उत्तर प्रदेश के मार्गदर्शन और यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित किया गया। डॉ. शेतांशु श्रीवास्तव, जो कि नोडल अधिकारी और आईवाईसीएफ मास्टर ट्रेनर हैं, ने इस कार्यक्रम का नेतृत्व किया, साथ ही सामुदायिक चिकित्सा विभाग के डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने भी सत्रों का संचालन किया। इस प्रशिक्षण का समन्वय चिकित्सा अधिकारी डॉ. विपिन ने किया।
प्रशिक्षुओं ने उचित पूरक आहार के प्रति जानकारी और कौशल की आवश्यकता पर जोर दिया, यह बताते हुए कि स्तनपान के साथ-साथ सही पूरक आहार की जानकारी देना भी अत्यंत आवश्यक है, ताकि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में कुपोषण की समस्या को रोका जा सके।
समापन समारोह में डॉ. दीप्ति, डॉ. मनीष, डॉ. श्रीकेश, और प्रो. नुज़हत हुसैन ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन डॉ. सूर्यांशु ओझा द्वारा उत्साहवर्धक संदेश के साथ किया गया।

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