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शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि ही है कैंसर

-केजीएमयू ने जेहटा में लगाया कैंसर की प्रारम्भिक जांच का शिविर

सेहत टाइम्स

लखनऊ। केजीएमयू द्वारा अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाने की शृंखला में आज 24 अगस्त को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के रेडियोथेरेपी विभाग द्वारा जेहटा में कैंसर की प्रारंभिक जांच और जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 101 लोगों का कैंसर की दृष्टि से स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। तीन लोगों की FNAC जांच की गई। इस मौके पर स्कूली बच्चों को कैंसर जागरूकता के बारे में रोचकता से जानकारी दी गयी।

शिविर में स्त्री प्रसूति विभाग, पैथोलॉजी विभाग, ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी तथा नाक, कान, गला विभाग द्वारा सहयोग किया गया। शिविर में सचल कैंसर निदान इकाई ले जायी गयी थी। आपको बता दें कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा रेडियोथेरेपी विभाग को सचल कैंसर निदान इकाई प्राप्त हुई है। यह पैथोलॉजी, गाइनेकोलॉजी और एक्स रे की सुविधा से सुसज्जित है।

केजीएमयू के पैथोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ रश्मि कुशवाहा ने कहा कि कैंसर कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि है। यह cell development के किसी कानून को नहीं मानता। कैंसर प्रोग्राम्ड सेल डेथ (Programmed cell death) के सिद्धांत को नकारते हुए पूरे शरीर में साम्राज्य स्थापित करने में लग जाता है। यह शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को धोखा देता है। कैंसर जगह के हिसाब से अनुकूलन की अद्भुत क्षमता रखता है। मसलन शरीर में जहां भी होगा, अपने को उस अंग की प्रकृति के अनुरूप ढाल लेगा। कैंसर सामान्य कोशिकाओं के पोषक पदार्थों का भक्षण कर अपने को पोषित एवम सामान्य कोशिकाओं का ह्रास कर देता है। उन्होंने कहा कि कैंसर से बचाव में एंटीऑक्सीडेंट डाइट मददगार है।

डॉ रश्मि ने बताया कि कैंसर की जांच अब बहुत उन्नत हो गई है। मार्कर से कैंसर को शुरुआती स्तर में पकड़ सकते हैं, इस प्रक्रिया के चलते प्रेडिक्टिव मार्कर से यह पता लगाया जा सकता है कि कौन सी दवा असर करेगी। रेडियो थैरेपी विभाग के प्रो सुधीर सिंह ने व्यायाम का जीवन में महत्व बताते हुए कहा कि नियमित व्यायाम से कैंसर की रोकथाम संभव है।

स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ वंदना सोलंकी ने स्तन कैंसर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्तन कैंसर यदि 40 वर्ष से पहले हो जाए तो दूसरे स्तन कैंसर की और परिवार के अन्य सदस्यों को कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि बेहतर है कैंसर की रोकथाम हो। कैंसर का उपचार महंगा होने के साथ कष्टदायी भी है। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन समय रहते लगवाएं। शिविर में भाग लेने वाली टीम में डॉ रश्मि कुशवाहा, डॉ सुधीर सिंह, डॉ वंदना सोलंकी, डॉ अरुणेश तिवारी, डॉ दिव्या कुकरेजा, डॉ निर्मल, डॉ हिमानी, डॉ नगमा, डॉ राम कुमार, डॉ शिवानी शर्मा, डॉ निर्मल के चौरसिया, डॉ विनोद के पटेल, संजीव राठौर, राजेन्द्र के मौर्या, निर्मल कुमार, सबूर खान, सबूर खान, अनिल पाण्डेय, राम किशोर और संतोष शामिल रहे।

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