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परीक्षा का डर छूमंतर करेंगी ‘मीठी गोलियां’

लखनऊ। परीक्षा का डर लगभग सभी को लगता है अब यह अलग बात है कि किसी को कम तो किसी को ज्यादा। परीक्षा का तनाव बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता को भी काफी होता है। हाई स्कूल एवं इण्टर की परीक्षाओं की प्रयोगात्मक परीक्षाएं प्रारम्भ होने वाली हैं, साथ ही प्रारम्भ होने वाला है तनाव। इस बारे में वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक एवं केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद के सदस्य डॉ अनुरुद्ध वर्मा बताते हैं कि परीक्षा के डर से होने वाली परेशानियों को चिकित्सकीय भाषा में एक्जाम फीवर या फोबिया कहते हैं। छात्रों को इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि होम्योपैथी में अनेक दवाइयां हैं जो इन परेशानियों से निजात दिलाने में सक्षम हैं वह भी बिना किसी दुष्परिणाम के।
डॉ. वर्मा ने बताया लगभग 30 से 40 प्रतिशत छात्र परीक्षा के समय होने वाली परेशानियों से ग्रस्त होते हैं। इस दौरान बच्चों का मन पढ़ाई के दौरान एकाग्र नहीं हो पाता है। परीक्षा कक्ष काल कोठरी जैसा लगता है। परीक्षा कक्ष में प्रवेश से पहले बेचैनी घबराहट एवं सिहरन होने लगती है। बार-बार पेशाब व दस्त की शिकायत हो जाती है। याद किया हुआ भूल जाता है, बार-बार आत्महत्या का विचार आता है, नींद उड़ जाती है, फेल होने का भय सताता है। परीक्षा के समय पसीना आता है, मुंह सूखता है, हाथ-पैर में कम्पन होता है। छात्रों की इन तमाम परेशानियों को दूर करने की ताकत होम्योपैथी की मीठी-मीठी गोलियों में हैं।
 डॉ. वर्मा ने बताया कि परीक्षा कक्ष में जाने में डर लगे तो लाइकोपोडियम एवं साइलीसिया का प्रयोग किया जा सकता है। यदि परीक्षा के समय सिर दर्द, बार-बार पेशाब, दस्त एवं घबराहट की शिकायत हो तो जेेल्सीमियम एवं अर्जेन्टम नाइट्रिकम का प्रयोग लाभदायक हो सकता है। यदि अनिद्रा की शिकायत हो तो नक्सवोमिका एवं कालीफॉस फायदेमंद हो सकती है। यदि लगे कि कुछ याद नहीं है तो एनाकाड्रियम लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि छात्रों को कमरे में बंद होकर पढ़ाई नहीं करनी चाहिए बल्कि थोड़ा-बहुत घूमना-फिरना एवं मनोरंजन करना भी जरूरी है। ज्यादा पढ़ाई के लिए नींद न लाने वाली दवाइयों का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्य पर खराब असर डालती हैं। उन्होंने छात्रों को परीक्षा के दौरान हल्का एवं सुपाच्य भोजन लेने की सलाह दी। उन्होंने अभिभावकों को बच्चों पर दबाव बनाने के बजाय सहयोग देने एवं उनका मनोबल बढ़ाने की सलाह दी।
उन्होंने बताया कि होम्योपैथी की दवाइयां आपके दिमाग से परीक्षा का भूत निकाल देगी तथा परीक्षा के सफर में आपका पूरा साथ निभाकर आपको सफलता दिलाने में आपका सहयोग करेगीं परन्तु होम्योपैथिक, दवाइयां केवल प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह से ही लेनी चाहिए। छात्र डॉ अनुरुद्ध वर्मा से फोन नम्बर 09415075558 पर नि:शुल्क सलाह प्राप्त कर सकते हैं।

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